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A country of snake and charmer हां यही कहा जाता था हमें पश्चिमी देशों द्वारा । महान ऋषि, मुनियों, योद्धाओं, विद्वानों का देश जिस के कण कण में विज्ञान है, भगवान द्वारा पोषित, संरक्षित यह देश । आकान्ताओं ने इसकी विरासत, संस्कृति को लूटने व नष्ट करने का काम किया है। हम इन आकान्ताओं से पूछते है कि अगर हम पिछड़े व गरीब थे तो आप सुदूर पश्चिम देशे से यहां क्या करने आये थे। यानि यहां का विज्ञान, ज्ञान, सम्पन्नता, सोने की चिड़िया यही सब आपको यहां खीच लाया था और पिछले एक हजार सालों में आपने इसे नष्ट करने के सिवाय कोई काम न किया।

फिर आया एक रूद्रावतार महान फकीर जो इस देश के प्रधानमंत्री पद पर बैठता है, कैसे 9 सालों मे वह भारत का गौरव लौटा रहा है। उसकी देशी नीतियां जिनका कोई सानी नही है विदेशी समन्वय, कूटनीति का कोई जवाब नहीं है, जिनकी वजह से पिछडा देश गरीब, स्नेक चारमर जैसे शब्द कहां विलुप्त हो गये पता ही नही चला।

अब वो विश्व का नेत्रत्व करता है। विश्व की समस्याओं को सुलझाने हेतु उसकी राय ली जा रही है। विदेशों मे देशी विदेशी सभी उसकी सभा के लिए लालायित है। कैसे उसने गरीब व पिछड़े देश की छवि को 9 सालो मे खत्म कर डाला व विकासशील से आधुनिक देशों की पंक्ति में लाकर खड़ा कर दिया है। उनका राजनैतिक कूटनीतिक प्रबन्धन, कार्यशैली ही अन्य देशों के प्रमुखों से उन्हे अलग करता है।

अगर अमेरिका, युरोप, आस्ट्रेलिया के प्रमुख उन्हे चमत्कारिक लीडर के रूप मे स्वीकार कर रहे है तो ये कोई आश्चर्य नही है, क्योंकि उन्होने यह करके दिखाया है।

आइये ऐसे सशक्त देशभक्त प्रधानमंत्री जी के हाथ और मजबूत करे।

मेरे प्रधानमंत्री जी का सम्मान हमारे देश के करोड़ो देशवासियों का सम्मान है जो हमारे प्रधानमंत्री जी ने दिन रात कड़ी मेहनत, ईमानदारी, राष्ट्र सेवा, इनोवेटिव कार्यक्रम करके हासिल किया है।

धन्यवाद ।

जय हिन्द जय भारत।

डॉ० क० पी० जोशी, चारधाम अस्पताल नेहरू कालोनी, देहरादून

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By amit