ख़बर शेयर करें -

रायपुर::: काऊ भाजपा में “अभिमन्यु” तो कांग्रेस के प्याले में तूफान उठना बाकी! खांटी कांग्रेसी का पत्ता खेल सकती है कांग्रेस

देहरादून। रायपुर विधानसभा उत्तराखंड की सबसे चर्चित विधानसभा सीटों में से एक है। रायपुर के सिटिंग विधायक उमेश शर्मा काऊ वर्तमान में इस सीट पर भाजपा में अभिमन्यु की भूमिका में दिख रहे हैं तो कांग्रेस में तमाम नेताओं के दमखम दिखाने के बावजूद कांग्रेस इस सीट पर खांटी कांग्रेसी को टिकट देकर सारे दावेदारों के अरमानों पर पानी फेर सकती है।

आपको बता दें कि रायपुर सीट पर यूं तो भाजपा के सिटिंग विधायक उमेश शर्मा काऊ का दूर दूर तक कोई सानी नहीं है लेकिन पिछले 5 साल से काऊ इस सीट पर अभिमन्यु की भूमिका में हैं। त्रिवेंद्र राज में जहां उनको किनारे रखा गया तो त्रिवेंद्र के जाने के बाद भी काऊ की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही।

त्रिवेंद्र राज से लेकर अब तक इस सीट पर काऊ को कुछ इस तरह से घेरे रखा गया कि आज भी दूसरे खेमे की हरकतों से काऊ एंड कंपनी खीज जाते हैं। विनिंग कैंडिडेट होने के बावजूद इतनी खेमेबन्दी पूरे राज्य में किसी भाजपा नेता के खिलाफ नहीं है जितनी काऊ के खिलाफ।

काऊ विनिंग कैंडिडेट तो हैं लेकिन सबसे बड़ी परेशानी ये की न तो भाजपाई पिछले 5 साल में उन्हें अपना बना पाए और न ही स्थानीय संगठन ही। दूसरी ओर काऊ एंड टीम ने भी कभी पार्टी की रीत नीत के हिसाब से काम किया।

अब वे जरूर भाजपा के दिल्ली दरबारी नेता के पाले में हैं लेकिन मुश्किलें अभी भी कम नहीं हो रही। ऐसे में इस सीट पर भाजपा के पास कोई दूसरा कोई विकल्प न होने के बावजूद ये खतरा बरकरार है कि चुनाव में भीतरघात पार्टी को भारी पड़ सकता है।

दूसरी ओर कांग्रेस की बात करें तो पिछले चुनाव में इस सीट पर काऊ के हाथों बुरी हार झेलने वाले प्रभुलाल बहुगुणा फिर इस सीट पर जोर शोर से टिकट मांग जरूर रहे हैं लेकिन उनकी सबसे बड़ी हार ही उनके टिकट की राह में सबसे बड़ी बाधा बन गया है। वहीं, हाल ही में कांग्रेस में आये महेंद्र नेगी गुरुजी ने भी एंट्री तो खूब जोरदार मारी लेकिन टिकट की राह उनके लिए भी आसान नहीं। कांग्रेस जॉइन करने के दौरान अपने आवास पर हरीश रावत की मौजूदगी में उन्होंने अपना जलवा दिखाया वहीं से उनका जादू भी यहां के कांग्रेसियों के सिर चढ़कर बोल रहा है।

खैर, इस सीट पर कांग्रेस ने इस बार सरप्राइज एलिमेंट की भी तैयारी की हुई है। विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि अगर कांग्रेस प्रभु और महेंद्र को लेकर sure नहीं होती है तो इस सीट पर खांटी कांग्रेसी वयोवृद्ध नेता हीरा सिंह बिष्ट की एंट्री तय है। आपको बता दें कि हीरा सिंह बिष्ट का रायपुर और डोईवाला दोनों विस में अच्छा खासा प्रभाव है। यूं भी एक समय में हीरा देहरादून वरन उत्तराखंड की राजनीति के दिग्गज रह चुके हैं। ऐसे में अगर काऊ से दो दो हाथ करने का दम किसी मे दिखता है तो वो हीरा में ही दिखता है। वैसे भी हीरा सिंह बिष्ट डांडा गुजराडा से लेकर सौंधोवाली, तपोवन, आमवाला से लेकर सहस्त्रधारा रोड, रायपुर समेत बालावाला, नकरौंदा क्षेत्रों में बड़ा प्रभाव रखते हैं। बड़ा नाम होने के कारण उनकी दावेदारी में भी ज्यादा दिक्कत नहीं है। डोईवाला में भाजपा की स्थिति हर लिहाज से मजबूत है। ऐसे में कांग्रेस अपने इस तुरुप के इक्के को रायपुर में खेली तो बड़ी बात नहीं।

By amit