समान नागरिक संहिता::: बेटियों की शादी की उम्र बढ़ेगी, मिलेगा संपत्ति में हक, समान नागरिक संहिता की विशेषज्ञ समिति कर रही विचार, ड्राफ्ट का हिस्सा बनाने की तैयारी
देहरादून। उत्तराखंड में सभी बेटियों की शादी की उम्र बढ़ सकती है। उन्हें पैतृक संपत्ति में बेटों के समान बराबरी का अधिकार दिया जा सकता है।
इन दोनों ही मुद्दों पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार कर रही विशेषज्ञ समिति गंभीरता से विचार कर रही है। समिति हलाला और इद्दत पर रोक लगाने वाले सुझावों का भी अध्ययन कर रही है। कुछ दिन पूर्व ही समिति की अध्यक्ष व सदस्यों ने नई दिल्ली में प्रवासी उत्तराखंडियों के साथ
माता-पिता के भरण-पोषण की जिम्मेदारी तय होगी
नौकरीशुदा बेटे की मौत पर पत्नी को मिलने वाले मुआवजे में वृद्ध माता-पिता के भरण पोषण की जिम्मेदारी तय हो सकती है। समिति इस सुझाव पर भी गंभीरता से विचार कर रही है। यदि पत्नी पुनर्विवाह करती है तो पति की मौत पर मिलने वाले मुआवजे में माता-पिता का हिस्सा भी हो। यदि पत्नी की मौत होती है, उसके माता-पिता का कोई सहारा नहीं है तो उनके भरण-पोषण की जिम्मेदारी पति की हो। इन सभी सुझावों पर भी समिति गहन मंथन कर रही है.
शादी का पंजीकरण नहीं तो सरकारी सुविधा नहीं
यूसीसी की समिति इस सुझाव लेकिन समिति का पूरा प्रयास है पर भी गंभीरता विचार कर रही है कि राज्य में शादी का पंजीकरण अनिवार्य हो। जो शादी का पंजीकरण नहीं कराएगा तो उसे सरकारी सुविधाओं का लाभ न दिया जाए।