*अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के बाद विधानसभा भर्ती गड़बड़ी पर भी चलाया डंडा
*गड़बड़ी सामने आते ही सबसे पहले जांच को लिखा था पत्र
*विधानसभा के भर्ती निरस्त करने के प्रस्ताव पर भी अनुमोदन देने में भी नहीं की एक मिनट की देरी
देहरादून। सीएम पुष्कर धामी ने नियम विरुद्ध हुई भर्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर एक लंबी लकीर खींच दी है। वे उत्तराखंड के पहले सीएम हैं, जिन्होंने पहले अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भर्ती घपले में 41 लोगों को सलाखों के पीछे भेजा। फिर हाई प्रोफाइल विधानसभा भर्ती गड़बड़ी मामले में भी डंडा चलाने से रत्ती भर गुरेज नहीं किया। भले ही इस भर्ती में तमाम बड़े रसूखदार नाम जुड़े रहे हों।
विधानसभा भर्ती गड़बड़ी की जब शिकायतें आईं, तो उस समय स्पीकर ऋतु खंडूडी विदेश में थी। इस दौरान सीएम पुष्कर धामी ने दो टूक साफ कर दिया था कि सख्त कार्रवाई होगी। सीएम ने तत्काल कड़ी कार्रवाई किए जाने को लेकर स्पीकर को पत्र भी लिखा। सीएम के स्तर से उठाए गए इन सख्त कदमों के बाद जाकर जांच समिति का गठन हुआ। जांच समिति की रिपोर्ट के बाद शुक्रवार को 2016, 2020 और 2022 की विधानसभा में हुई भर्ती को निरस्त करने का प्रस्ताव सीएम पुष्कर धामी के पास भेजा गया।
सीएम पुष्कर ने इस मामले में भी फौरन तेजी दिखाई। विधानसभा से आए भर्ती निरस्त करने के प्रस्ताव को अनुमोदन देने में एक मिनट की देरी नहीं की। रात को ही तत्काल अनुमोदन दे दिया। इस तरह विधानसभा भर्ती मामले में बड़ी कार्रवाई का श्रेय यदि किसी को जाता है, तो वो सीएम पुष्कर धामी को। उन्होंने उत्तराखंड के 22 साल के इतिहास में एक ऐसी लंबी लकीर खींच दी है, जिसने उनका सियासी कद आसमान सा ऊंचा कर दिया है।