सीनियर फिजिशियन डॉ केपी जोशी का कहना है कि उत्तराखंड में महिलाओं की स्थिति की समीक्षा ज़रूरी है। 25 वाँ साल लग गया है पर उत्तराखंड विकास के इस सबसे बड़े स्तंभ को हम इसका क़र्ज़ उतार न पाये। इस जननी ने हमे कई बड़े नाम पूर्व में दिये है वर्तमान में पहाड़ की गुदड़ी के लाल श्री अजीत डोभाल श्री योगी आदित्य नाथ जी जैसी हस्तिओं को भी जन्म दिया। पहाड़ की परिस्थितियाँ पूरे देश से भिन्न है भौगोलिक रूप से कठिन दिनचरिया खेत जंगल का काम घर का काम उस पर पति वा बाल बचों की ज़िम्मेदारी। न्यूट्रीशन वा शरीर के बारे में केयर करने वाले बहुत ही कम लोग। मैं ३ से ४ gm हीमोग्लोबिन जो की बहुत कम है जीवन के लिए उसमें भी वह दिन रात काम करती है। असमय काल के गाल में समाती है कभी गुलदार कभी बाघ कभी भालू से लड़ती है पहाड़ से फिसलती है घायल होती है तो कभी मृतु को प्राप्त होती है। उसी के पसीने की उपज है आप और हम उसे उसका उच्च स्थान देना उसकी हेल्थ का ख़्याल रखना उसका जीवन सुगम बनाना उसके बचों के लिए स्वास्थ स्कूल रोज़गार वा उसके काम करने के लिए उचित सुखद वातावरण बनाना हमारा लक्ष्य होना चाहिए। मैं मुख्यमंत्री जी आदरणीय विधान सभा अदक्षय जी वा MLA पत्रकार गण सामान्य जन से अपील करता हूँ कि विधान सभा सत्र में उत्तराखंड की महिला की समस्या उसके निदान पर विस्तृत चर्चा वा निर्णय हो। आख़िर उत्तराखण्ड निर्माण उसी के लिए किया गया था वो हमारी इकॉनमी की रीढ़ वा पहचान है।
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