देहरादून: आयुर्वेद एवं यूनानी विभाग ने दिव्य फार्मेसी की पांच दवाओं के उत्पादन पर रोक लगा दी है। साथ ही इन दवाओं की मूल फार्मूलेशन शीट भी तलब की है। दिव्य फार्मेसी अब संशोधित फार्मूलेशन शीट एवं संशोधित लेबल क्लेम के अनुमोदन के बाद भी औषधियों का निर्माण कर सकेगी। उक्त दवाएं ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, घेघा, ग्लूकोमा और हाई कोलेस्ट्राल के इलाज में इस्तेमाल की जाती हैैं।
दरअसल, केरल के एक चिकित्सक डा. केवी बाबू ने जुलाई में इस संबंध में शिकायत की थी। उन्होंने दिव्य फार्मेसी पर ड्रग्स एंड मैजिक रेमिडीज (आब्जेक्शनेबल एडवर्टाइजमेंट) एक्ट, ड्रग्स एंड कास्मेटिक एक्ट और ड्रग्स एंड कास्मेटिक रूल्स के उल्लंघन का आरोप लगाया था। डा. बाबू ने राज्य की लाइसेंसिंग अथारिटी को 11 अक्टूबर को एक बार फिर ईमेल के जरिए शिकायत भेजी। जिस पर यह कार्रवाई की गई है। आयुर्वेद विभाग के औषधि नियंत्रक डा. जीएससी जंगपंगी की ओर से दिव्य फार्मेसी को नोटिस भेजा गया है। जिसमें कहा गया है कि निदेशालय स्तर पर गठित पैनल ने फार्मूलेशन शीट व लेबल क्लेम का परीक्षण किया। अपनी रिपोर्ट में नवीन फार्मूलेशन शीट अनुमोदन के लिए प्रस्तुत करने को कहा है। डा. जंगपंगी ने दिव्य फार्मेसी से एक सप्ताह के भीतर स्पष्टीकरण तलब किया है। कहा है कि भ्रामक/ आपत्तिजनक विज्ञापनों को तत्काल मीडिया स्पेस से हटाकर इन दवाओं का निर्माण बंद कर दें। इन दवाओं की मूल फार्मूलेशन शीट निदेशालय में जमा करें। भविष्य में स्वीकृत विज्ञापन ही चलाने की सलाह देते हुए उत्पादन लाइसेंस वापस लिए जाने की चेतावनी भी दी है। कहा है कि संशोधित फार्मूलेशन शीट व संशोधित लेबल क्लेम के अनुमोदन के बाद ही उक्त दवाओं का निर्माण शुरू किया जा सकेगा। जिन दवाओं के उत्पादन पर रोक लगाई गई हैै उनमें दिव्य मधुग्रिट टैबलेट, दिव्य आइग्रिट गोल्ड, दिव्य थायरोग्रिट टैबलेट, दिव्य बीपी ग्रिट और दिव्य लिपिडाम टैबलेट शामिल हैं। डा. जंगपांगी ने बताया कि इन दवाओं के फार्मूलेशन दोबारा चेक कराए जाएंगे। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।