देहरादून। धामी सरकार के मंत्रिमंडल के बारे में जानने को हर कोई बेकरार है। मुख्यमंत्री सहित मंत्रिमंडल में 11 मंत्री ले सकते हैं। शपथ धामी सरकार का नया स्वरूप बुधवार को सामने आ जाएगा। जब सीएम समेत पूरा मंत्रिमंडल भी शपथ ले सकता है। इस बार मंत्रिमंडल में नए चेहरे ज्यादा हो सकते हैं। जिन नए चेहरों पर सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है, उनमें पूर्व सीएम बीसी खंडूरी की बेटी कोटद्वार विधायक ऋतु खंडूरी का नाम लिया जा रहा है। जिनका मंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है। खंडूरी महिला विधायकों का प्रतिनिधित्व कर सकती हैं। साथ ही गढ़वाल से ब्राह्रमण चेहरा भी हैं। चौथी बार बागेश्वर सीट से विधायक चुनकर आए चंदन राम दास भी इस बार कैबिनेट में शामिल किए जा सकते हैं। जिनकी सीनियर होने के साथ ही दलित चेहरे और बागेश्वर जिले को मौका देने की वजह से दावेदारी पक्की मानी जा रही है
धामी मंत्रिमंडल में इन विधायकों का दावा मजबूत
ऋषिकेश विधायक और पिछली विधानसभा में स्पीकर रहे प्रेमचंद्र अग्रवाल को इस बार धामी कैबिनेट में जगह मिलनी तय मानी जा रही है। दो बार से रिकॉर्ड वोटों के अंतर से जीतने वाले देहरादून के रायपुर सीट से विधायक उमेश शर्मा काऊ को भी धामी मंत्रिमंडल में जगह मिलने की पूरी उम्मीद जताई जा रही है। काऊ का नाम केन्द्रीय नेतृत्व की तरफ से भी आगे बढ़ाया जा सकता है। वे अनिल बलूनी के सबसे करीबी नेताओं में हैं। देहरादून विकासनगर सीट से विधायक मुन्ना सिंह चौहान का भी धामी मंत्रिमंडल में दावा मजबूत माना जा रहा है। चौहान का अनुभव और सरकार से लेकर संगठन तक उनकी इमेज इस बार उनको किसी न किसी रूप में पार्टी ईनाम दे सकती है। इसके अलावा देहरादून से धर्मपुर विधायक विनोद चमोली और राजपुर रोड से खजानदास का भी मंत्री पद की रेस में दावा माना जा रहा है। हालांकि एक ही जिले से 5 विधायकों को मंत्रीमंडल में जगह मिलना मुश्किल माना जा रहा है। ऐसे में अधिकतम 2 या 3 विधायकों को ही कैबिनेट में जगह मिल सकती है।
क्षेत्रीय, जातिगत समीकरण में फिट बैठाना जरुरी
पुराने मंत्रियों में सतपाल महाराज, धन सिंह रावत और अरविंद पांडेय का नाम रिपीट होने वाले मंत्रियों में लिया जा रहा है। इसके साथ ही सुबोध उनियाल, प्रीतम पंवार, किशोर उपाध्याय में से एक विधायक को टिहरी जिले से मंत्रीमंडल में शामिल होना तय माना जा रहा है। जबकि तराई से मदन कौशिक और सौरभ बहुगुणा में से एक विधायक का मंत्री बनना तय है। कुमाऊं से विशन चुफाल और बंशीधर भगत की दावेदारी भी है, लेकिन हाईकमान दोनों को दूसरी जिम्मेदारी देकर शिफ्ट किया जा सकता है। बंशीधर भगत को स्पीकर बनाया जा सकता है। इसके साथ ही कुमाऊं से पूर्व सीएम हरीश रावत को चुनाव हराने वाले मोहन सिंह बिष्ट का भी नाम लिया जा रहा है। भाजपा सूत्रों का दावा है कि प्रदेश स्तर से 25 संभावित नाम हाईकमान को भेजे गए हैं, जिनमें से 11 नाम पर देर रात तक मुहर लग सकती है। इसमें क्षेत्रीय और जातीय समीकरण का ध्यान रखा जाएगा।